5 Simple Statements About bhoot wala kahani Explained

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एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी।

मुखिया : आज से तुम लोग वहां नहीं खेलोगे और अब से कोई भी कुएं के पास नहीं जाएगा.. चलो सब अभी सोनू को देख कर आते हैं..

एक बार उन भूतों का गुरु उनसे मिलने आता है। सभी भूतों को दुबला पतला व कमजोर देखकर वह उनकी दुर्दशा का कारण पूछता है। भूतों से पूरा वृतांत सुनकर गुरु पहलवान को सबक सिखाने की ठानता है और उसके घर की ओर चल पड़ता है। भूतों का गुरु एक बिल्ली का रूप धारण कर पहलवान पर हमला करने की योजना बनाता है। उन दिनों पहलवान के घर में रोज़ एक बिल्ली रसोई में घुसकर सारा दूध पी जाती थी, जिससे वह काफी परेशान था। उस दिन पहलवान भी उस बिल्ली को सबक सिखाने के लिए दरवाजे के पीछे छिपकर बिल्ली का इंतजार कर रहा होता है। जैसे ही बिल्ली के रूप में भूतों का गुरु कमरे में प्रवेश करता है पहलवान उस पर प्रहार कर देता है।

कहानी से सीख : जल्दबाजी में किया गया है कार्य अधूरा रह जाता है, इसलिए कोई भी कार्य करने से पहले उसे अच्छे से देख-परख लेना चाहिए।

एक दिन भूतों के गुरुजी सभी भूतों से मिलने पीपल के पेड़ पर आते है। सभी भूतों को दुबला पतला website देखकर उनसे कारण पूछते है। 

क्या वो सच था की तभी मैंने अपने मौसेरे भाई को उस जंगल के किनारे खड़े देखा।

उसके बाद से, गाँववाले भूत की कहानी में यह नया दृष्टिकोण लाए और उन्होंने उस आदमी और महिला के साथ अच्छे संबंध बनाए। यह कहानी बताती है कि कभी-कभी हमें विश्वास करने से पहले और लोगों को अच्छे से जानने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि सत्य हमेशा अनछुपा होता है।

" चिन्नू बेटा! मैं पहले इन भूत वूत सभी में कोई यकीन नहीं करता था। लेकिन जब उनके होने का अनुभव मुझे हुवा तबसे मैं उनपे यकीन करने लगा" ऐसे कहते ही वह अपनी ज़िन्दगी में घटी हारर अनुभवों के बारे में मुझे बताने लगे। मैं गौरसे उन्हें सुनने लगी।

मुंशी राजा के पास जाता है और पहलवान के आने का कारण राजा को बताता है तब राजा मुंशी को आदेश देते हैं कि पहलवान को जितनी जमीन चाहिए, वह उसे दे दो। 

मुखिया : तो यह बात है अभी के अभी धनिया को पकड़ कर लेकर आओ.. और फिर कुछ ही देर मैं दो पहरेदार धनिया को लेकर आते हैं.

!! लेकिन दूर दूर तक कोई नहीं दिखा।उन्हें हैरानी हुई और फिर वे लोग किटकी बंद कर के सो गए।

सोनू : मुझे उस कुए के भूत का पता करना होगा.. और अपने दोस्त बंटी को वापस भी तो लाना है.. मुझे कुछ करना ही होगा..

राजू ने उससे सोने की कहानी सुनने के लिए कहा, और बच्चा ने धीरे-धीरे सोने लगा। सभी बच्चे हैरान थे कि भूत की बजाय एक छोटा सा बच्चा कैसे वहाँ रो रहा था।

लेकिन इस केक को वुडरूफ के अलावा उसकी पत्‍नी व दोनों बेटियों ने ही खाया था, जिससे उनकी तो मौत हो गयी लेकिन, वुडरूफ बच गया। अपने इस कृत्‍य पर चेलोय को बहुत शर्मिदगी महसूस हुयी और उसने सजा पाने के डर से खुद को अपने कमरे में फांसी से लटका दिया। उसके बाद वुडरूफ ने उसके शव को काट कर नीचे उतार और उसे पानी में पत्‍थरों के सहारे बांधकर फेंक दिया। असली भूत की कहानी।

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